कम्प्यूटर का विकासः- कम्प्यूटर का इतिहास लगभग 300 वर्ष पूराना है जबकि चीन में एक गणना यंत्र (Calculation device) अबेकस का अविष्कार हुआ । यह एक यान्त्रिक डिवाईस (mechanical device) है, जो आज भी चीन, जापान, सहित एशिया के अनेक देशों में अंको की गणना के लिए उपयोग किया जा रहा है । अबेकस (abacus) तारों का एक फ्रेम होता है । इन तारों में गोटी (bead) पिरोए रहते है । प्रारम्भ में अबेकस को व्यापारी गणनाएं करने के लिए प्रयोग किये जाते थे । वर्तमान यह अबेकस बच्चों को गिनती सिखाने या जोड़, धटाव आदि गणनाएं करने के लिए उपयोग किये जाते है ।
शताब्दियों के बाद अनेक अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए विकसित की गई ।17 वी शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Baize Pascal)ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र (Mechanical Digital Calculator) सन् 1645 में विकसित किया गया । इस मशीन को एंडिंग मशीन (Adding Machine) कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या घटाव कर सकती थी । यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करती थी ।
सन् 1694 में जर्मन गणितज्ञ व दार्शनिक गॉटफ्रेड विलहेम वॉन लेबनीज (1646-1716) ने पास्कलाईन का विकसित तैयार किया जिसे ‘रेकनिंग मशीन (Reckoning Machine)’ या ‘लेबनीज चक्र (Leibnitz Wheel)’ कहते है । यह मशीन अंकों के जोड़ व बाकी के अलावा गुणा व भाग की क्रिया भी करती थी ।
सन् 1801 में फ्रासीसी बुनकर जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने का ऐसा करघा (Loom) का अविष्कार किया जो कपड़ो में डिजाईन या पैटर्न स्वतः देता था ।
कप्यूटर के इतिहास में 19 वी शताब्दी को प्रारम्भिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है । चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने वहन किया । उस मशीन का नाम डिफरेंस इंजिन (Difference Engine) रखा गया, इस मशीन में गियर और साफ्ट लगे थे । यह भाप से चलती थी ।
बैवेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा । बैवेज का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैवेज को कमप्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता हा ।
सन् 1890 में कम्प्यूटर के इतिहास में अमेरिका की जनगणना का कार्य एक महत्तवपूर्ण घटना थी । सन 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य 7 वर्ष लगे थे । कम समय में जनगणना के कार्य को सम्पन्न करने के लिए हर्मन होलेरिथ ने सन् 1869-1926 के बीच में एक मशीन बनाई जिसमें पंचकार्डों (Punch card) को विद्युत द्वारा संचालित किया गया । उस मशीन की सहायता से जनगणना का कार्य केवल तीन वर्ष में सम्पन्न हो गया । सन् 1924 में उस कम्पनी का नाम ‘कमप्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिग कम्पनी’ के जगह international Business Machine हो गया, जो आज कम्प्यूटर निर्माण में विश्व की अग्रणी कम्पनियों मे से एक है ।
सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (Electrometrical Computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी । IBM के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आइकेन ने सन् 1944 में एक मशीन विकसित किया और इसका official Name– Automatic Sequence Controlled Calculator रखा । बाद में इस मशीन का नाम ’B’ रखा गया । यह विश्व का सबसे पहला विद्युत-यान्त्रिक कम्प्यूटर (Electrometrical Computer) था
सन् 1945 में एटानासोफ तथा क्लीफोर्ड बेरी ने एक इलेक्ट्रानिक मशीन को विकसित किया जिसका नाम ABC रखा गया । ABC का पूरा नाम एटानासोफ बेरी कम्प्यूटर का संक्षिप्त रुप है ।
सन् 1945-46 के दौरान जॉन विलियम्स मूचली तथा जे.पी. एकर्ट ने सबसे पहला सामान्य विशेषता वाला कम्प्यूटर का विकास पेनसिलवैनिया विश्वविद्यालय में किया जिसका नाम Eniac—Electronic Numeric Integer And Computer रखा गया ।
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