मंगलवार, 13 अगस्त 2013

5. कम्प्यूटर के प्रकार (Type of Computer)



कार्य या उपयोग करने के उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर को अलग-अलग प्रकरों में बांटा गया है । हर क्षेत्र में क्षमता के अनुसार अलग- अलग कम्प्यूटरों का उपयोग किया जाता है । कुछ कम्प्यूटर शक्तिशाली, बड़े, अधिक गति, या लंबे समय तक चलने वाले हो सकते है । कम्प्यूटर को तीन भागों बांटा जा सकता हैः-
(1) कार्य प्रणाली (mechanism)
(2) उद्देश्य (purpose)
(3) आकार (size)

क)     कार्य प्रणाली के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
       (Type of Computer based on Mechanism)
(1) एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)- एनालॉग कम्प्यूटर वे कम्प्यूटर होते है जो भौतिक मात्राओं, जैस दाब, तापमान, लम्बाई आदि को मापकर उनके परिमाप को अंको में व्यक्त करते है । ये कम्प्यूटर किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते है । एनालॉग कम्प्यूटर मुख्य रुप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रयोग किये जाते है क्योकि इन क्षेत्रों में मात्राओं का अधिक उपयोग होता है । उदाहरण के लिए एक पेट्रोल पम्प में लगा एनालॉग कम्प्यूटर, पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता है ।
(2) डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer) - डिजिटल कम्प्यूटर वह कम्प्यूटर होता है जो अंकों की गणना करता है । कम्प्यूटर का प्रयोग घर का बजट तैयार करना, पत्र लिखना, चित्र बनाना, संगीत सुनना, फोटो व वीडियों देखना, गेम खेलना आदि होता है । डिजिटल कम्प्यूटर बायनरी अंको (0-1) पर आधारित होता है । यह कम्प्यूटर 100% शुद्धता से गणना कर सकती है । डिजिटल कम्प्यूटर Data और Program को 0 तथा 1 में परिवर्तित करके इलेक्ट्रानिक रुप में ले आता है ।
(3) हायब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) - हायब्रिड का अर्थ - एनालॉग और डिजिटल दोनो के गुण-धर्म (features) होना है । अर्थात् वे कम्प्यूटर जिनमें एनालॉग कम्प्यूटर और डिजिटल कम्प्यूटर दोनो का विशेषता हो, Hybrid Computer कहलाते है। जैसे- कम्प्यूटर की एनालॉग डिवाईस किसी रोगी के लक्षणों अर्थात् तापमान, रक्तचाप आदि को मापती है । ये परिमाप बाद में डिजिटल के द्वारा अंकों में बदले जाते है । इस प्रकार रोगी के स्वास्थ्य में आये उतार-चढ़ाव का तत्काल इलाज किया जा सकता है ।

(ख)     उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
    (Type of Computers based on Purpose)
(1) सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर (General Purpose Computer)-  General Purpose Computer ऐसे कम्प्यूटर है जिनमें अनेक प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती है लेकिन ये Word Processing से पत्र व दस्तावेज तैयार करना, दस्तावेजों को छापना, डेटाबेस बनाना आदि जैसे सामान्य कार्यों को ही  सम्पन्न करते है । साथ ही मंनोरंजन करना जैसे- फिल्म देखना, गीत सुनना, गेम खेलना, नेट चलाना आदि किया जाता है । अक्सर विद्यालय, घर या आफिस में उपयोग किये जाते है । प्रयोगकर्ता अपने बजट या कार्य के अनुसार कम्प्यूटर खरीद सकता है । भविष्य में सामान्य से विशिष्ट कम्प्यूटर में बदलने के लिए  असेम्बल्ड पद्धति के द्वारा बदला जा सकता है ।
(2) विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर (Special Purpose Computer)- विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर ऐसे कम्प्यूटर है जिन्हें किसी विशेष कार्य के लिए तैयार किया जाता है । इनके CPU की क्षमता उस कार्य के अनुरुप होती है । इसी श्रेणी के कम्प्यूटर जैसे High Configuration वाले personal Computer, मिनी कम्प्यूटर, सुपर कम्प्यूटर आदि आते है । इसका मुख्य कार्य जैसे- Audio Mixing, Video Editing, Space Control, Medical, आदि किये जाते है । यह कम्प्यूटर आम पीसी के तुलना महंगें होते है । इसका नियंत्रण किसी विशिष्ट प्रयोगकर्ता के द्वारा नियन्त्रित किये जाते है ।  

(ग)    आकार के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
        (Type of Computer based on size)
(क) माईक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) - ये कम्प्यूटर एक मेज पर अथवा एक ब्रीफेकेस में भी रखे जा सकते है । ये छोटे कम्प्यूटर micro computer कहलाते है । Micro Computer  कीमत में सस्ते और आकार में छोटे होते है ये कम्प्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर या बाहर किसी भी कार्यक्षेत्र में लगाये जा सकते है । अतः इन्हे पर्सनल कम्प्यूटर को P.C. भी कहते है । Micro Computer तीन प्रकार के होते हैः-

(1) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computer)- पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला डेस्कटॉप कम्प्यूटर है । एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसे किसी टेबल पर रखा जाता है । user अपने कुर्सी पर बैठकर कम्पयूटर पर कार्य कर सकता है । डेस्कटॉप कम्प्यूटर अलग-अलग Parts से मिलकर बने होते है जैसे कि- Monitor, Mouse, Keyboard, Processor, Cabinet, Speaker, RAM, Motherboard आदि । इसका मुख्य लाभ यह है कि भविष्य में किसी विशेष कार्य के लिए असेम्बल किया जा सकता है अर्थात्  इसमें नये नये Hardware Parts Upgrade या Add  किये जा सकते है । यह लैपटॉप के तुलना में सस्ते होते है लेकिन इसे एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में कठिनाई होती है या तत्काल ले जाया नही जा सकता । डेस्कटॉप कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियों के नाम- HCL, IBM, Wipro, LG, Compaq, Dell, HP आदि प्रमुख है ।
(2) लैपटॉप कम्प्यूटर (Laptop Computer)- यह भी पर्सनल कम्प्यूटर के सामान कार्य करते है । इसके Parts  भी डेस्कटॉप कम्प्यूटर के पार्टस् से मिलतेजूलते है लेकिन इसकी आकार छोटी होती है । लैपटॉप में power Supply के लिए बैटरी लगा होता है । इसको चार्ज करके रखना पड़ता है । फल चार्ज हो जाने के बाद कम से कम लगातार तीन या चार  घंटे तक चल सकता है । यह डेस्कटॉप कम्प्यूटर के तुलना में हल्के और एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी ले जा सकते है । लैपटॉप का अर्थ- गोंदी में रखकर चलाने वाला कम्प्यूटर । तकनीकी के विकास चलते लैपटॉप भी लगभग डेस्कटॉप कम्प्यूटर के सामान शक्तिशाली और तेज हो गये है । लेपटॉप अपनी क्षमता के अनुसार इसकी कीमत 15000-12,0000 तक होती है । प्रयोगकर्ता अपनी बजट के अनुसार खरीद सकता है । लैपटॉप कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियों के नाम -HCL, IBM-Lenovo , Acer, Sony, LG, Compaq, Dell, HP आदि प्रमुख है ।
(3)  मोबाईल फोन कम्प्यूटर (PDA)- ये अन्य कम्प्यूटर के तुलना में बहुत छोटे होते है इसकी आकार हथेली के बराबर होते है । मोबाईल फोन दो प्रकार के होते है की-पैड वाला फोन और टच वाला फोन । मोबाईल फोन किसी व्यक्ति के लिए एक निजी डिवाईस होता है । इसके मुख्य फीचर्स जैसे- Calling, Message, Players, Calculator जैसे पाये जाते है । तकनीकी विकास के चलते वर्तमान में फोन तेज तर्रार प्रोसेसर से युक्त होते है जिससे किसी एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को आसानी रन किया जा सकता है । इनबिल्ट ग्राफिक्स होने के वजह से आप आसानी से 3-डी गेम्स् खेल सकते  है । इसके आलावा फोन करना, गाना सुनना, विडियों देखना, फोटो खिचना आदि कार्य किये जा सकते है । मोबाईल फोन बनाने वाली कंपनी बहुत सारे है ।
(4) टैबलेट कम्प्यूटर (Tablet Computer)- अभी तक का सबसे लैटेस्ट डिवाईस है । इसकी साईज एक स्लेट पट्टी के सामान होता है उसमें एक टच स्क्रीन लगा होता है इसे हाथों से छुकर आसानी से चलाया जा सकता है। यह भी मोबाईल के सामान ढेर सारे फीचर्स पाये जाते है । इसमें खासकर नेट चलाना मूवी व फोटो देखना, टाईप करना आदि किये जा सकते है । टाईप करने के लिए अलग से की-बोर्ड लगया जा सकता है ।




4.कम्प्यूटरों की विभिन्न पीढ़ियों (Types of Computers Generations of Computers)

सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रानिक डिवाईस Vacuum Tube युक्त एनियक कम्प्यूटर की शुरुआत ने कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया । कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्त्वपूर्ण डिवाईसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की । इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाँटते हैः-
Vacuum Tube
() प्रथम पीढ़ी (First Generation) - सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी प्रारम्भ हो गया । इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में Vacuum Tube का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 में किया गया । इस पीढ़ी में ENIAC के आलावा और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिसके नाम एडसैक, एडवैक, यूनिवेक, एवं यूनिवैक-1 ।
प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थेः-
(1) Vacuum Tube का प्रयोग ।
(2) पंचकार्ड पर आधारित ।
(3) Storage के लिए Magnetic Drum का प्रयोग ।
(4) बहुत ही नाजुक और कम विश्वनीय ।
(5) बहुत सारे Air Condenser का प्रयोग ।
(6) Machine Language तथा Assembly Language में प्रोग्रामिंग ।

The Univac 1 Computer

ENIAC






























(ख) द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) - कम्प्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी की शुआत कम्प्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग किये जाने से हुई । William Shockley ने ट्रांजिस्टर का आविष्कार सन् 1947 में किया था । जिसका उपयोग द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में Vacuum Tube के स्थान पर किया जाने लगा । ट्रांजिस्टर के उपयोग ने कम्प्यूटरों को Vacuum Tube से अपेक्षाकृत अधिक गति एवं विश्वनीयता प्रदान की ।
IBM 1401
 द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थेः-     

(1) Vacuum Tube के बदले ट्रॉजिस्टर का उपयोग ।
(2) अपेक्षाकृत छोटे एवं ऊर्जा की कम खपत ।
(3) अधिक तेज एवं विश्वसनीय ।
(4) प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा कम खर्चीले ।
(5) COBOL एवं FORTRAN जैसी उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास ।
(6) Storage Device, Printer एवं Operating System का प्रयोग ।

Transistor



(ग) तृतीय पीढ़ी (Third Generation) -कम्प्यूटरों की तृतीय पीढ़ी की शुरुआत सन् 1964 में हुई । इस पीढ़ी ने कम्प्यूटरों को I.C. (Integrated Circuit) प्रदान किया । Integrated Circuit का आविष्कार  टेक्सास इन्स्टूमेन्ट कंपनी के एक इंजीनियर Jack Kelby ने किया था । इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ICL 2903, ICL 1900, UNIAC 1108 प्रमुख थे ।
Integrated Circuit
तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थेः-
(1) Integrated Circuit का प्रयोग ।
(2) प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी की अपेक्षा आकार एवं वजन बहुत कम ।
(3) अधिक विश्वनीय ।
(4) पोर्टेबल एवं आसान रख-रखाव ।
(5) उच्चस्तरीय भाषाओं का बड़े पैमाने पर प्रयोग ।


 
(घ) चतुर्थ पीढ़ी (Forth Generation)  - सन् 1971 से सन् 2000 तक के कम्प्यूटरों को चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों को श्रेणी में रखा गया है । इस पीढ़ी में Integrated Circuit को अधिक विकसित किया गया है । जिसे Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता है । ALTAIR 8800 सबसे पहला माईक्रो कम्प्यूटर जिसे मिट्स नामक कंपनी ने बनाया था । इसी कम्प्यूटर पर Bill Gates ने Basic Language को स्थापित किया था । इस सफल प्रयास के बाद बिल गेट्स ने माईक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की, जो दुनिया में सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी कंपनी है । इसी पीढ़ी में Macintosh ने Apple Computer और  Mac OS को बाजार में उतारा ।
चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थेः-
(1) Very Large Scale Integrated Circuit तकनीकी का प्रयोग किया गया ।
(2) आकार में काफी छोटा ।
(3) साधारण आदमी की क्रय क्षमता के अन्दर ।
 (4) अधिक प्रभावशाली, विश्वनीय एवं गतिशील कम्प्यूटरों का प्रयोग ।

(5) अधिक मेमोरी क्षमता ।
(6) कम्प्यूटरों के विभिन्न नेटर्वक का विकास ।

Bill Gates
 
ALTAIR 8800




(ड) पंचम पीढ़ी (Fifth Generation) -  कम्प्यूटरों की पाँचवी पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्च कम्प्यूटरों को शामिल किया गया है । इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में कम्प्यूटर वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्दिमता (Artificial intelligence) को शामिल करने की कोशिश जारी है । आज के कम्प्यूटर इतना शक्तिशाली है कि वे हर क्षेत्र जैसे कि Accounting, Engineering, Medical, Building Structure, Space, And Education आदि में उपयोग किये जा रहे है । Intel Corporation ने आज के पीढ़ी के कम्प्यूटरों के लिए नये-नये प्रोसेसरों की आविष्कार किये जा रहे है जिससे पहले के कम्प्यूटर की तुलना में आज के कम्प्यूटर बहुत तेज और शक्तिशाली हो गये है । Intel Corporation के नये processor का नाम Pentium Series, Dual Core, Core i3-i5-i7, titanium आदि है । इस पीढ़ी में नये-नये गैजेटों का आविष्कार हुआ है जैसे कि Mobile, Tablet, Smart phone, Laptop, and Touch Device आदि । नये Integrated Circuit, जैसे Very Large Scale Integrated Circuit का विकसित रुप Ultra Very Large Scale Integrated Circuit है ।
पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थेः-
(1) इस पीढ़ी में प्रयोगकर्ता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कम्प्यूटर की आकार, सरंचना और क्षमता को निधार्रित किया गया है । आज विभिन्न मॉडलों जैसे -  Desktop, Laptop, Palmtop आदि में कम्प्यूटर उपलब्ध है ।
(2) इन्टरनेट - यह कम्प्यूटर का एक अंतराष्ट्रीय नेटर्वक है । दुनिया-भऱ के कम्प्यूटर नेटवर्क इन्टरनेट से जुड़े होते है और इस तरह  हम कही से भी, घर बैठे- अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा, विज्ञान, कला एवं संस्कृति आदि लगभग सभी विषयों पर विविध सामाग्री इन्टरनेट पर प्राप्त कर सकते है ।
(3) मल्टीमीडिया में संगीत, चलचित्र, टेलीविजन आदि क्षेत्र में कम्प्यूटरों का बहुत उपयोग होने लगा है ।